गुरुवार, 5 जून 2014

सिनेमा-सिनेमा , जी हाँ , यही शीर्षक है मेरे इस नए ब्लॉग का।  भारतीय हिंदी सिनेमा , जिसने विश्व पटल पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है और साथ ही पूरे संसार को भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने का एक माध्यम बना है। मुझे लगता है हिंदी सिनेमा पर आधारित किसी ब्लॉग का शीर्षक इससे बेहतर हो ही नहीं सकता। 
हिंदी फिल्म जगत में ५० से लेकर ८० तक के दशक में एक से एक बेहतरीन निर्माता निर्देशक हुए हैं ,बहुत से प्रतिभाशाली संगीतकार और अभिनेता और अभिनेत्रियां हुईं हैं। कुछ  फिल्मों ने रुपहले परदे पर अपनी फिल्मों की सिल्वर और गोल्डन जुबली मनाई ,कुछ फिल्में देश-विदेश में प्रदर्शित हुईं और सम्मानों से नवाजी गईं । कुछ फिल्में ऐसी भी हैं जो व्यावसायिक रूप से सफल नहीं हों पाईं लेकिन फिर भी हिंदी सिनेमा में मील का पत्थर मानी जाती हैं। ऐसी ही कुछ फिल्में हैं जो फिल्म ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखा पाईं  लेकिन कला पक्ष और अभिनय की बात करें तो वे बेहद अनोखी और दिलचस्प हैं। ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में चर्चा करने और आप सब के साथ उन्हें साझा करने के लिए मेरा ये ब्लॉग है। आपकी प्रतिक्रियाओं का मुझे इन्तेजार रहेगा।

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